*अडानी कंपनी के गुर्गों ने दी गर्लफ्रेंड को जान से मारने का खतरा*
*अडानी कंपनी ने शुरू की चलित धनसुनवाई की परंपरा*
*ग्रामीणों को बहलाफुसलाकर खदान शुरू करने की साजिश हुई*
रायगढ़ 06/08/2025
कोयला खदान के लिए किसी भी कंपनी को किस हद तक गिरना पड़ सकता है, यह ताजा उदाहरण रविवार दोपहर 12 बजे जिलाडांड सलाहकार के कार्यालय के बाहरी दृश्य को मिल सकता है। जब बंधकों को अडानी कंपनी के गुर्गों द्वारा जान से मारने की धमकी दी गई। ऐसा रायगढ़ जिले में पहली बार हुआ है कि एक कंपनी के कारिन्दों-गुंडों के गिरोह द्वारा जान से मारने की धमकी देने वाले को मार डाला गया और उन्हें गुंडा ने जिला कार्यालय के सामने दिन दहाड़े पुलिस की चाक चौबंद व्यवस्था के बीच बुलाया। पीड़ित बंधक ने इस संबंध में चक्रधर नगर के खिलाफ थाने में लिखित शिकायत दी है और पुलिस से आरोपियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग की है।
महाजेंको के लिए कोयला खोदने का काम करने वाली अडानी कंपनी को गारे पेलमा में अपना कोयला शुरू करने की इतनी हदबड़ी है कि वह किसी भी हद तक जा सकती है। इसी कड़ी में उन्होंने जिले के इतिहास में पहली बार चलित धनसुनवाई का आयोजन किया। यानी ढोलनारा ग्राम के कुछ लोगों को खलीपिलाकर बस-कार में निवेशक से मिल कर खदान शुरू करने का अनुरोध किया। मुलाकात के बाद जब वे कलेक्टोरेट परिसर में फोटो खानदानी ग्रुप हो रहे थे तब अडानी कंपनी के एजेंट कई महिलाओं को चाय पीने से रोके तो किसी को इधर उधर से। वहां मौजूद अविश्वासियों की बातों को देखने के बाद जब सिद्धार्थ ने समर्थन में आने का कारण पूछा तो ग्रामीण जवाब नहीं दे पा रहे थे। मोरोना को अपने गेट के खिलाफ देख अडानी कंपनी के उद्यमियों ने कहा कि वे वापस जाने को तैयार हैं। इसी दौरान ऑर्केस्ट्रा ने जब इलेक्ट्रॉनिक्स से सवाल किया तो अडानी कंपनी के गुर्गे जो पहले से ही असिस्ट थे बिडग गए और असिस्टेंट को गुंडा देखने लगे। जब इस बात का सुपरस्टार ने विरोध किया तो उन्होंने जान से मारने की धमकी तक दे दी। पिछले एक घंटे तक डॉक्टर कार्यालय के ठीक बाहर गर्मी होने के कारण पुलिस भी कंपनी के लोगों के साथ तमनार से आई थी। मित्र ने ही सबसे पहले शांति राखी और थाना चक्रधर नगर के व्यापारी अदानी कंपनी के गुर्गों के खिलाफ जान से मारने की धमकी देने की लिखित याचिका दी।
निगम प्रभारी बीआर साहू ने ग्रैथ के हस्ताक्षर वाली याचिका की प्रतिलिपि ली और अनुमोदित कार्रवाई की मंजूरी दे दी। क्योंकि वह खुद मौका-ए-वारदात पर मौजूद थे और उनकी ही टीम ने शांति शोरूम पर विवाद कर लिया था।
विदित हो कि पिछले महीने मस्कागांव में अडानी कंपनी द्वारा हजारों लोगों की छुट्टी कर दी गई थी। खदान की जद में आने वाले 9 ग्राम परियोजना के 14 गांव कंपनी का विरोध है। मुडागांव के बाद 9 गांव से सायेत को चोरी की मशीन से अडानी कंपनी के मंसूबे इतने बढ़ गए कि वह किसी को कुछ नहीं समझती। कंपनी के इस तानाशाही बेंचमार्क के खिलाफ अब तानाशाही लियोनार्ड हो गया है।
जारी रेज़गारी को विरोध
बदमाशों के सवाल पर उन्हें गुंडा ने कहा था और फिर जान से मारने की धमकी देने वालों पर विरोध करने के मामले में जिले के बदमाशों में रोष व्याप्त है और आनेवाले समय में यह पुरजोर विरोध प्रदर्शन था। अडानी कंपनी गुर्गों के कार्टून में कैमरे कैद हो गए हैं और वायरल भी हो रहे हैं। जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर पर कंपनी की इस शर्त की थू-थू हो रही है। लामबंद बने रहने के लिए विभिन्न मोर्चों के खिलाफ स्टालिन में याचिका दायर की गई।